Tuesday, 22 July 2008

मैं रोया.....

डूबा जब मैं नदी मे
रोया तब मैं जोर से
सूरज को तब आई हँसी
हंसा फिर वो जोर से.....

1 comment:

Avinash Das said...

क्‍या बात है, तुमने तो कमाल कर दिया चुलबुल। मैं अभी भोपाल में हूं। दिल्‍ली रविवार को जाऊंगा, तब मुक्‍ता आंटी को भी तुम्‍हारी कलाकारी दिखाऊंगा।