Monday, 27 September 2010

doremon.

पता है...मुझे डोरेमोन बहुत अच्छा लगता है..इतना कि मैं माँ की  आवाज़ भी नहीं सुन पाती जब वो बुलाती है...ऐसा लगता है मानो डोरेमोन ही  बुला रहा हों....लेकिन कई बार इस चक्कर मे डाट भी सुन जाती हू...तुमलोगों के भी साथ ऐसा होता है क्या....

6 comments:

रंजन (Ranjan) said...

मस्त फोटू बनाया है..

माधव( Madhav) said...

मस्त फोटू बनाया है.

Chaitanyaa Sharma said...

bahut sahi..... cute drawing..

Shubham Jain said...

हाँ चुलबुली बिलकुल ऐसा ही होता है...डोरेमोन के आगे ईशिता भी मेरी कोई बात नहीं सुनती...
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Akshitaa (Pakhi) said...

डोरेमोन तो मुझे भी बहुत अच्छा लगता है..

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

अरे वाह!
बहुत सुन्दर चित्रकारी है!
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इसकी चर्चा तो बाल चर्चा मंच पर भी है!
http://mayankkhatima.blogspot.com/2010/10/20.html