आप और आपकी गाय दोनों ही बड़े प्यारे हैं बुलबुल.... एक नन्ही सी परी सी या कि जूही की कली सी लघु पाँव चंचल चंचला सी सरित बहती निर्मला सी अति-सुकोमल कमल मुख पर भंगिमाएं विविधतर धर विहँसती सूरजमुखी सी एक नन्ही सी परी सी आपको देखकर और आपकी कविता पढ़कर मन प्रसन्न हो गया...दिन भर की थकान दूर हो गयी.
7 comments:
आप और आपकी गाय दोनों ही बड़े प्यारे हैं बुलबुल....
एक नन्ही सी परी सी
या कि जूही की कली सी
लघु पाँव चंचल चंचला सी
सरित बहती निर्मला सी
अति-सुकोमल कमल मुख पर
भंगिमाएं विविधतर धर
विहँसती सूरजमुखी सी
एक नन्ही सी परी सी
आपको देखकर और आपकी कविता पढ़कर मन प्रसन्न हो गया...दिन भर की थकान दूर हो गयी.
ओह..पिछली टिप्पडी में आपका नाम ग़लत लिख गया चुलबुल...क्षमा
बहुत सुंदर....तुमहारे ब्लाग पर आकर अच्छा लगा।
बहुत ही प्यारा ब्लॉग है ....बहुत अच्छा
अनिल कान्त
मेरा अपना जहान
achcha hai
बेटु, छड़ी मत मारना..आप टॉफी खाओगे तो उसे भी खिलाओ..उसी के दूध से तो टॉफी बनी है..है न!!
accha varnan
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