Monday, 26 April 2010


क्या मेरे बगीचे का लंगड़ा आम खायेंगे.......?

5 comments:

संजय भास्‍कर said...

बहुत खूब, लाजबाब !

रावेंद्रकुमार रवि said...

लँगड़ा है, पर मीठा है!

Dr. C S Changeriya said...

har kisi me ek kami he to ek khubi bhi hoti he

रावेंद्रकुमार रवि said...

मनभावन होने के कारण
चर्चा मंच पर

मेरा मन मुस्काया!

शीर्षक के अंतर्गत
इस पोस्ट की चर्चा की गई है!

माधव( Madhav) said...

चर्चा मंच के द्वारा यहाँ तक पहुचा हूँ , अच्छा लगा

लंगडा आम आने में तो अभी वक्त है